ज्ञातव्य है कि भारत की प्राचीनतम भाषा को विगत माह अक्टूबर 2024 में भारत सरकार ने अभी क्लासिकल लैंग्वेज के रूप में मान्यता प्रदान कर इस भाषा के शोध प्रबंध के साथ-साथ युवाओं के करियर की संभावनाओं के द्वार को भी खोल दिया है। यह जानकारी देते हुए राकेश कनौजिया ने बताया कि इस अभियान के तहत विगत 28 फ़रवरी को हाई स्कूल में लगभग 300 परीक्षार्थी व लगभग 350 परीक्षार्थियों से अधिक ने परीक्षा में बैठकर इतिहास रच दिया।
इस अभियान में समन्वयक आचार्य डॉ शिव मूर्ति लाल मौर्य, पूर्व बाल न्यायाधीश शिक्षाविद डॉ. दयाराम मौर्य "रत्न", समन्वय संरक्षिका सेवानिवृत्ति प्रधानाध्यापिका लीलावती, मंगल मैत्री ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी इं. राम अचल मौर्य,हरि प्रसाद मौर्य,आचार्य राकेश चंद्र,एडो. हरिश्याम मौर्य,डॉ. दिनेश मौर्य,शोभा कनौजिया,अनीता राजीव,अभिषेक मौर्य,चन्द्रकेश,वंदना प्रभाँशु मौर्य,दीप किरन,ज्ञानेश्वर सिंह,मयंक सरोज,रंजू संजय,प्रशांत मौर्य, सामरीन आदिल इदरीसी,बसंत लाल मौर्य,इं.अभिनव मौर्य, जनार्दन गौड़, एडो.आकाश मौर्य, एडो. जगदीश मौर्य, कंचन मौर्य, विनोद कुशवाहा,, उत्कर्ष प्रिंटर्स, एडो. अजय मौर्य, अशोक कुमार मौर्य,राम चंद्र मौर्य एडो.राज गौतम, एडो.आशीष कुमार मौर्य,गिरीशचंद्र मौर्य,एडो. सी यल मौर्य,शोभ नाथ मौर्य, आंसू मौर्य,दिव्या,श्वेता मौर्य आदि
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