क्यों 20 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी दिवाली?
धार्मिक गणना के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर दोपहर 3 बजकर 44 मिनट से शुरू होकर 21 अक्टूबर शाम 5 बजकर 55 मिनट तक रहेगी।
ज्योतिर्विदों का कहना है कि अमावस्या की प्रदोष काल व्यापिनी तिथि 20 अक्टूबर को ही प्राप्त हो रही है, जबकि 21 अक्टूबर को प्रतिपदा तिथि प्रारंभ हो जाएगी। इसलिए 20 अक्टूबर को ही दीपावली का पर्व मनाना शुभ और शास्त्रसम्मत रहेगा।
लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त
इस बार दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश पूजन के लिए दो शुभ समय मिलेंगे —
🔹 प्रदोष काल: शाम 05:46 से रात 08:18 बजे तक
🔹 वृषभ काल (मुख्य पूजन काल): शाम 07:08 से 08:18 बजे तक
यानी इस दौरान 1 घंटे 11 मिनट का विशेष समय मां लक्ष्मी की आराधना के लिए अत्यंत शुभ रहेगा।
दिवाली पूजन विधि
- पूजा स्थल को पूर्व दिशा या ईशान कोण में तैयार करें।
- चौकी पर लाल या गुलाबी वस्त्र बिछाएं।
- सबसे पहले भगवान गणेश जी की मूर्ति रखें, फिर उनके दाहिने ओर मां लक्ष्मी जी को विराजमान करें।
- जल से शुद्धिकरण कर संकल्प लें।
- एकमुखी घी का दीपक जलाएं और फूल व मिठाई अर्पित करें।
- पहले गणेश जी और फिर लक्ष्मी जी के मंत्रों का जाप करें।
- अंत में आरती करें और शंख ध्वनि के साथ दीप जलाएं।
- घर, आंगन, मंदिर और कुएं के पास दीपक जलाना शुभ माना गया है।
- पूजा के समय लाल, पीले या चमकदार वस्त्र धारण करें, जबकि काले, भूरे या नीले रंग से परहेज करें।
दिवाली का महत्व
दिवाली का पर्व अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। पौराणिक कथा के अनुसार, इसी दिन भगवान श्रीराम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। उनके स्वागत में अयोध्यावासियों ने दीप जलाए थे। तभी से यह पर्व प्रकाश और समृद्धि का प्रतीक बन गया। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा कर घर में सुख, शांति और समृद्धि की कामना की जाती है।
20 अक्टूबर को मनाई जाएगी दिवाली! ज्योतिर्विदों ने किया भ्रम दूर, जानें लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभ मुहूर्तनिष्कर्ष:
इस बार दीपावली का पर्व 20 अक्टूबर 2025, सोमवार को धूमधाम से मनाया जाएगा। इसी दिन प्रदोष और वृषभ काल में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश का पूजन करना अत्यंत फलदायी रहेगा।
🪔 शुभ दीपावली! 🪔
प्रतापगढ़ टुडे टीम
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