जिला पंचायत से लेकर ग्राम पंचायत तक के दावेदार परेशान
संभावित उम्मीदवार अपने-अपने स्तर पर गणनाएं कर यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि किस सीट पर किस वर्ग का आरक्षण लागू हो सकता है। इसके चलते गांवों में चर्चाओं का दौर लगातार चल रहा है। लोग आरक्षण की स्थिति को लेकर कई तरह के दावे कर रहे हैं। उसकी पुष्टि के लिए वह अधिकारियों का भी चक्कर लगा रहे हैं। यही कारण है कि ग्राम प्रधान और उनके प्रतिनिधि बड़ी संख्या में विकास भवन पहुंचकर जिला पंचायत राज अधिकारी से जानकारी लेने का प्रयास कर रहे हैं।
प्रक्रिया पूरी होने में अभी लगेगा समय
प्रत्याशी और समर्थक स्पष्ट जानकारी चाहते हैं ताकि समय रहते चुनाव की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा सके। हालांकि, अभी स्थिति साफ नहीं है, शासन स्तर से आरक्षण की अंतिम सूची अभी तक जारी नहीं की गई है। प्रक्रिया पूरी होने में अभी समय लगेगा।
आरक्षण की तस्वीर अभी साफ नहीं
आरक्षण की साफ तस्वीर न होने के कारण उम्मीदवार अपनी चुनावी रणनीति निश्चित नहीं कर पा रहे हैं। कोई क्षेत्र बदलने पर विचार कर रहा है तो कोई सीट बचाने को लेकर चिंतित है। चुनाव समीकरणों में आरक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए सभी की निगाहें शासन से आने वाली सूची पर टिकी हुई हैं। इस बीच, प्रत्याशी मजबूरी में इंतजार करते हुए केवल संभावनाओं के आधार पर ही अपनी तैयारियां आगे बढ़ा रहे हैं।
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