पट्टी तहसील में पुलिस‑अधिवक्ता विवाद ने तूल पकड़ लिया है। शुक्रवार को शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी रहा और आक्रोशित वकीलों ने पट्टी कोतवाल का पुतला फूंककर जमकर नारेबाजी की।
तहसील गेट पर तालाबंदी
जानकारी के अनुसार, पट्टी तहसील में तैनात अधिवक्ता रवि सिंह के साथ पट्टी थाने की पुलिस द्वारा अभद्र भाषा प्रयोग किए जाने से वकील आक्रोशित हो उठे। शुक्रवार को अधिवक्ताओं ने सामूहिक रूप से तहसील गेट पर तालाबंदी करते हुए न्यायिक कार्य से विरत रहने का ऐलान किया। इस दौरान पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे गूंजते रहे।
बार अध्यक्ष का बयान
बार अध्यक्ष अनिल सिंह ने कहा कि पट्टी कोतवाल अभिषेक सिरोही की कार्यशैली किसी के हित में नहीं है। न तो फरियादी उनसे संतुष्ट हैं और न ही अधिवक्ता। जब तक कोतवाल का स्थानांतरण नहीं हो जाता तब तक अधिवक्ता न्यायिक कार्य से दूर रहकर अपना विरोध जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि अधिवक्ता समाज का आईना होते हैं और उन पर दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
विरोध का क्रम तीसरे दिन और तीखा हो गया। तहसील परिसर में एकत्रित अधिवक्ताओं ने पट्टी कोतवाल का पुतला फूंका और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अधिवक्ताओं का कहना था कि यह सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि अधिवक्ता समाज के सम्मान का प्रश्न है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन को और उग्र रूप दिया जाएगा।
भारी संख्या में अधिवक्ता जुटे
प्रदर्शन में बार महामंत्री प्रमोद सिंह, सचिन सिंह, वरुण पांडे, मानस त्रिपाठी, आशीष, मनीष, विकास तिवारी समेत बड़ी संख्या में अधिवक्ता मौजूद रहे। तहसील परिसर में दिनभर तनावपूर्ण स्थिति बनी रही।
प्रशासन की चुनौती
लगातार बढ़ते अधिवक्ता आंदोलन ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। तहसील क्षेत्र में न्यायिक कार्य पूरी तरह ठप हो चुका है, जिससे आम जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अधिवक्ताओं का कहना है कि जब तक कोतवाल का तबादला नहीं होगा, आंदोलन हर दिन और मजबूत होता जाएगा।
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