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पितृ पक्ष में जन्मे बच्चों को माना जाता है खास, जानें किन संकेतों से जुड़ा है संबंध

पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2025) की शुरुआत 7 सितंबर से हुई थी और इसका समापन 21 सितंबर को होगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस पखवाड़े का खास महत्व बताया गया है। जहां एक ओर इस दौरान लोग विभिन्न नियमों और अनुष्ठानों के माध्यम से पितरों को तर्पण और श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, वहीं अगर इसी समय किसी घर में संतान का जन्म हो जाए तो इसे बेहद शुभ माना जाता है।

सौभाग्य का प्रतीक होता है जन्म

मान्यता है कि पितृ पक्ष में जन्म लेने वाले बच्चे पितरों का आशीर्वाद लेकर आते हैं। ऐसे बच्चों के आगमन से घर-परिवार में सौभाग्य और खुशियों का आगमन होता है। कहा जाता है कि ये बालक अपने ही वंश के किसी पूर्वज का पुनर्जन्म होते हैं और परिवार के लिए शुभ संकेत लेकर आते हैं।

उज्ज्वल होता है भविष्य

ज्योतिष अनुसार पितृ पक्ष में जन्मे बालक बौद्धिक रूप से प्रखर और परिश्रमी होते हैं। ये अपने प्रतिभा, मेहनत और समझदारी से जीवन में ऊँचाइयाँ हासिल करते हैं। ऐसे व्यक्तियों का भविष्य सामान्यतः बहुत उज्ज्वल माना जाता है और यह परिवार एवं समाज दोनों को गौरवान्वित करते हैं।

बच्चों की खासियत

पितृ पक्ष में जन्म लेने वाले बच्चे कम उम्र से ही जिम्मेदारी का भाव रखते हैं। वे रचनात्मक होते हैं और कला-संस्कृति के क्षेत्र में भी उत्कृष्टता प्राप्त करते हैं। इनके स्वभाव में खुशमिजाजी झलकती है जिसके चलते ये अपने आसपास सकारात्मकता और खुशी का वातावरण भी फैलाते हैं।

ज्योतिष शास्त्र की मानें तो इन बच्चों का जीवन सिर्फ परिवार के लिए ही नहीं बल्कि समाज के लिए भी प्रेरणादायी माना जाता है। इसीलिए पितृ पक्ष काल में संतान का जन्म होना शुभ और विशेष संकेत के रूप में देखा जाता है।

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