पट्टी (प्रतापगढ़)। उत्तर प्रदेश के पट्टी कस्बे में वर्ष 1910 से आयोजित होने वाले ऐतिहासिक दशहरा मेले की 116 साल पुरानी परंपरा इस बार टूटने जा रही है। पट्टी कोतवाली के वर्तमान कोतवाल अभिषेक सिरोही पर एक दुकानदार को लात-घूंसों से पीटने का गंभीर आरोप लगने के बाद मेला समिति ने इस वर्ष के सभी मुख्य कार्यक्रम स्थगित करने का फैसला लिया है।
प्रमुख आयोजनों पर लगा विराम
श्री राम लीला समिति ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सामूहिक रूप से घोषणा की कि जब तक कोतवाल अभिषेक सिरोही को पद से नहीं हटाया जाता, तब तक मेले के सभी प्रमुख कार्यक्रम नहीं होंगे। समिति द्वारा स्थगित किए गए आयोजनों में शामिल हैं:
मेले का उद्घाटन (शुभारंभ)
राम बारात का निकलना
रावण दहन
भरत मिलाप
क्या है पूरा मामला?
पट्टी के दशहरे मेले की नींव अंग्रेजों के जमाने में तत्कालीन थानेदार सेवा राम सिंह ने रखी थी, जो तब से लेकर अब तक निर्बाध रूप से संचालित होता आ रहा है। इस वर्ष, 2025 में, कोतवाल अभिषेक सिरोही पर आरोप है कि उन्होंने मेले के एक दुकानदार को खुलेआम पीटा, जिससे यह ऐतिहासिक परंपरा कलंकित हो गई है।
"आजाद देश में जुल्म की नई कहानी कोतवाल ने लिखी है।"
"सीएम के जनता दर्शन कार्यक्रम को कोतवाल पट्टी ने ताक पर रखते हुए व्यापारी को खुलेआम पीटा और अभी तक कार्यवाही के नाम पर जिले के अफसर चुप्पी साधे हैं।"
विभिन्न संगठनों ने की कड़ी निंदा
कोतवाल की इस कथित कार्रवाई की चारों तरफ निंदा हो रही है। मेला समिति के सदस्यों के साथ-साथ भाजपा कोर कमेटी, बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद, और अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा ने भी एकजुट होकर कोतवाल के निलंबन और तत्काल तबादले की मांग की है।
श्री राम लीला समिति के महामंत्री अशोक श्रीवास्तव ने कहा,
"हिंदू धर्म और आस्था का विरोध कर रहा कोतवाल।"
उन्होंने उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। समिति ने स्पष्ट किया है कि कोतवाल के तबादले के बाद ही मेले का संचालन किया जाएगा।
अगला कदम?
समिति ने मेला ग्राउंड स्थित कंट्रोल रूम पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सामूहिक रूप से विरोध प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। अब सबकी निगाहें जिले के उच्चाधिकारियों पर टिकी हैं कि वे इस संवेदनशील मामले में क्या कार्रवाई करते हैं।
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