प्रतापगढ़/पट्टी।
पट्टी नगर के प्रतिष्ठित रामराज इंटरमीडिएट कॉलेज में मंगलवार को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, पूर्व विधायक और विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के अध्यक्ष रहे पंडित राम राज शुक्ल की जयंती को सद्भावना दिवस के रूप में बड़े उत्साह के साथ मनाया गया।
विधायक मोना मिश्रा ने किया योगदान का स्मरण
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रामपुर खास की विधायक मोना मिश्रा ने स्वर्गीय पंडित राम राज शुक्ल और पंडित मुनीश्वर दत्त उपाध्याय के शिक्षा के क्षेत्र में दिए गए अमूल्य योगदान को याद किया। उन्होंने कहा, "पंडित मुनीश्वर दत्त उपाध्याय व पंडित रामराज शुक्ल ने जनपद के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यालय की स्थापना करके शिक्षा की जो अलख जगाई है। उसकी रोशनी से आज तमाम छात्र बाहर निकलकर उच्च पदों पर आसीन हैं।"
"रामराज शुक्ल जी ने प्रतापगढ़ की शैक्षणिक भूमि पर जो बीज बोया था, वह आज एक विशाल बरगद बन चुका है, जिसके छाँव में हमारी ग्रामीण बेटियाँ शिक्षा ग्रहण कर रही हैं और उन्हें अब दूर नहीं जाना पड़ता।"
यह उनके अथक प्रयासों का ही परिणाम है कि आज ग्रामीण अंचल के विद्यार्थियों को भी उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिल रहा है।
प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति
सद्भावना दिवस समारोह में नगर की कई गणमान्य हस्तियाँ और शिक्षाविद मौजूद रहे। अतिथियों का स्वागत विद्यालय के प्रधानाचार्य रमेश चंद्र मिश्र ने किया, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता पंडित श्याम किशोर शुक्ल ने की।
कार्यक्रम का सफल संचालन पूर्व प्राचार्य श्याम शंकर शुक्ला ने किया, और अंत में विद्यालय के अध्यक्ष धर्मेंद्र देव शुक्ला ने उपस्थित सभी लोगों का आभार व्यक्त किया।
समारोह में शामिल हुए प्रमुख लोग:
- प्रशांत देव शुक्ल (पीजी कॉलेज के अध्यक्ष)
- अशोक कुमार जायसवाल (नगर पंचायत अध्यक्ष)
- कुलश्रेष्ठ तिवारी (जीआईसी प्रतापगढ़ के प्रधानाचार्य)
- ओमप्रकाश त्रिपाठी (पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष)
- सुनीता पटेल (पूर्व प्रत्याशी पट्टी विधानसभा)
- अखिलेश पाण्डेय (प्राचार्य)
- श्याम शंकर मिश्रा (प्रबंधक)
- अन्य सम्मानितजन जैसे: दिनेश तिवारी, राम यज्ञ उर्फ गाना मिश्रा, दिनेश बहादुर सिंह उर्फ बुदुल, भगवती प्रसाद तिवारी, राम लवट यादव, विधि देव शुक्ल, राम शिरोमणि वर्मा, कमल मणि त्रिपाठी, रमाशंकर मिश्रा, अध्यापक राजेश दुबे, सतीश पाण्डेय, राकेश मिश्र, और विनोद मिश्र।
यह जयंती समारोह न केवल पंडित राम राज शुक्ल को श्रद्धांजलि देने का माध्यम बना, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के महत्व को रेखांकित करने वाला एक प्रेरणादायक आयोजन भी रहा।
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